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Monday, July 1, 2019

Ncert history class 6 chapter -2 आरंभिक मानव की खोज में

   Ncert history class -6

Chapter -2

आरंभिक मानव की खोज में

आखेटक खाद्य संग्राहक :-

भारतीय उपमहाद्वीप में 20,लाख साल पहले जो लोग रहा करते थे, उन्हें आखेटक खाद्य संग्राहक कहते हैं।भोजन का इंतजाम करने की विधि के आधार पर इन्हें इस नाम से पुकारा जाता है।

 * आरंभिक मानव के बारे में जानकारी कैसे मिलती है ?

पुरातात्विदों को कुछ ऐसी वस्तुएं मिली है, जिनका निर्माण और उपयोग आखेटक खाद्य संग्राहक किया करते थे। अपने काम के लिए पत्थर, लकड़ीओं और हड्डियों के औजार बनाया करते थे।
पत्थरों  के अौजार
पत्थरों  के अौजार

पत्थरों  के अौजारों से किया जाने वाला काम :-
  •  फल -फूल काटने के लिए
  • हड्डियां और मांस काटने के लिए
  • खाने योग्य जड़ों को खोदने के लिए 
  • पेड़ों की छाल और जानवरों की खाल उतारने के लिए
  • जानवरों की खाल से बने वस्त्र को सिलने के लिए।
 कुछ के साथ हड्डियों या लकड़ियों के मुट्ठे लगाकर भाल और बाण जैसे हथियार बनाए जाते थे ।
 कुछ औजारों से लकड़ियां काटी जाती थी
 लकड़ियों का उपयोग इर्धन के साथ-साथ झोपड़ियां और औजार बनाने के लिए भी किया जाता था ।

 आखेटक खाद्य संग्राहकों के रहने की जगह :-



 चुकीं पत्थर के उपकरण बहुत महत्वपूर्ण थे ,इसलिए लोग ऐसी जगह ढूंढते थे, जहां अच्छे पत्थर मिल सके ।
* जिस स्थलों में लोग पत्थरों के औजार बनाते थे उन ,स्थलों को उद्योग स्थल कहा जाता है।
* कभी-कभी लोग इन स्थलों पर कुछ ज्यादा समय तक रहा करते थे , ऐसे स्थलों  को आवासीय और उद्योग स्थल कहा जाता है ।

पूरास्थल :- उस स्थान  को कहते हैं ,जहां औजार, बर्तन अौर इमारतों जैसी वस्तुएं के अवशेष प्राप्त होते हैं ।

पुरापाषाणिक पुरास्थल



भीमबेटका :-यह आदि मानव द्वारा बनाए गए शैल चित्रों तथा  शैलाश्रय  के लिए प्रसिद्ध है। यह विंध्याचल की पहाड़ियों के निचले छोर पर स्थित है ।
  • इसकी खोज 1957 -1958 में डॉ विष्णु श्रीधर वाकणकर द्वारा की गई थी ।
  •  भीमबेटका क्षेत्र को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण भोपाल मंडल ने अगस्त 1990 में राष्ट्रीय महत्व का स्थल घोषित किया।
  • इसके बाद जुलाई 2003 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया ।
  •  यहां 600 शैलाश्रय हैं ,जिनमें 275 शैलाश्रय  चित्रौं द्वारा सज्जित है।
  • यहां बनाए गए चित्र मुख्यतः नृत्य -संगीत ,आखेट, घोड़े और हाथी की सवारी, आभूषणों को सजाने तथा शहद जमा करने के बारे में हैं इनके अलावा बाघसिंह , जंगली सूअर, हाथियां अौर घड़ियाल जैसे जानवरों को  चित्रित किया गया है।
  • खनिज रंगो में मुख्य रूप से गेरूअा, लाल और सफेद ,पीला तथा हरा रंग भी प्रयोग हुआ है।

    हूंस्गी :- यहां पर पुरापाषाण युग के कई पुरास्थल प्राप्त हुए  हैं ।यह संभवतया आवास और उद्योग स्थल रहे होंगे। इनमें से कुछ पुरास्थल झरनों के निकट थे। अधिकांश औजार चूना पत्थर से बनाए जाते थे।

कुरनूल गुफा -यहां  राख के अवशेष मिले हैं।आरंभिक लोग आग जलाना सीख गए थे।
आग का इस्तेमाल:-
  •   प्रकाश के लिए ।
  •  मांस पकाने लिए।
  •  खतरनाक जानवरों को दूर भगाने के लिए किया जाता होगा।
पाषाण अौजारों का निर्माण :-
पाषाण अौजारों को दो तरीकों से बनाया जाता था :-
1. पत्थर से पत्थर को टकराकर ।
2.दबाव शल्क तकनीक द्वारा (इसमें क्रोड को एक स्थित  सतह पर टिका कर इस पर हड्डी या पत्थर रखकर उस पर हथौड़ी नुमा पत्थर से  शल्क निकाले जाते थे।)

  नवपाषाणिक पुरास्थल
          पुरास्थल                                प्राप्त अनाज और हड्डियाों के अवशेष
  • मेहरगढ़ (पाकिस्तान)  -   गेहूं, जौ ,भेड़, बकरी ,हिरण, सूअर 
  • कोल्डिहवा ( उत्तर प्रदेश) -  चावल, जानवरों की हड्डियां
  • महागढ़ा  ( उत्तर प्रदेश)  -  चावल ,मवेशी ,मिट्टी पर खूरों के निशान 
  • गुफकाल (कश्मीर)    -   गेहूं और दलहन
  • बुर्जहोम  (कश्मीर )   - गेहूं ,दलहन, कुत्ते, मवेशी, भैंस ,भेड़ ,बकरी
  • चिरांद  (बिहार)    -  गेहूं ,हरे चने, जौ,  भैंस ,बैल
  • हल्लूर  (आंध्र प्रदेश) - ज्वार ,बाजरा ,मवेशी, भेड़ ,बकरी ,सूअर 
  • पैय्मपल्ली (आंध्र प्रदेश)  - काला चना ,ज्वार, बाजरा ,मवेशी, भेड़, सूअर

बदलती जलवायु:- 12,000 साल पहले जलवायु में बहुत बड़े बदलाव आए ,और गर्मी बढ़ने लगी ।परिणामस्वरूप कई क्षेत्रों में घास वाले मैदान बनने लगे, इससे हिरण, बारहसिंघा ,भेड़, बकरी और गाय जैसे जानवरो की संख्या बढ़ गई, जो लोग इस जानवर का शिकार करते थे वे इनके पीछे आए और उनके खाने-पीने की आदतों की जानकारी हासिल की और अपनी जरूरतों के अनुसार इनको पालतू बनाने लगे, तथा इस काल में मछली भी भोजन का महत्वपूर्ण स्रोत बन गई थी ।इसी दौरान उपमहाद्वीप के विभिन्न इलाकों में गेहूं और धान जैसे अनाज प्राकृतिक रूप से उगने लगे।

  शैल चित्र:- मध्य प्रदेश और दक्षिण उत्तर प्रदेश की गुफाओं से शेल चित्र मिले हैं। इनमें जंगली जानवरों का बड़ी कुशलता से सजीव चित्रण किया गया है ।भारत में यह आवास और उद्योग स्थल है ।


 *     यह चित्र फ्रांस की एक गुफा की है।


    इस पुरास्थल की खोज लगभग 100 साल पहले हुई थी ।
   20 हजार साल पहले से लेकर 10 हजार साल पहले के बीच बनाए गए होंगे ।
 इसमें कई जानवरों का चित्र है ,जैसे जंगली घोड़ेगायभैंस ,गेंडा , रेनडियर, बारहसिंघा अौर सूअर ।
  इन रंगों को लौह अयस्क और चारकोल जैसे खनिज  पदार्थों से बनाया गया था।

पुरापाषाण काल:- 20,00000 साल पहले से 12000 साल के दौरान। पुरा यानी  'प्राचीन' अौर  पाषाण  यानी  'पत्थर'। इस काल को तीन भागों में विभाजित किया गया है :-

पूर्व पूरापाषाण काल:-  पूर्व पाषाण काल के अवशेष उत्तर पश्चिम के सोहन क्षेत्र में प्राप्त हुए हैं ।
इस काल के अवशेष नर्मदा नदी तथा उसकी सहायक नदियों की घाटी में  प्राप्त हुए हैं।

मध्य पुरापाषाण काल :-
इस काल के अवशेष सिंध ,राजस्थान, मध्य भारत, उड़ीसा ,उतरी आंध्र, महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात के विभिन्न क्षेत्रों में पाए गए हैं।

उत्तर पुरापाषाण काल
  • इस काल के अवशेष इलाहाबाद की बेलन घाटी, आंध्र प्रदेश में बेटमचेली तथा कर्नाटक के शोरापूर और बीजापुर जिलों में प्राप्त हुए हैं ।
  • इस युग के मानव ने क्वार्टजाइट नामक कठोर पत्थर के  हथियारों का प्रयोग किया। 
  • इस युग में मानव खेती करना नहीं जानता था। 
  • वह निवास - घर बनाना नहीं जानता था ।
  • वह नदियों अथवा झीलों के किनारे गुफाअों में रहता था।
  • आग जलाना नहीं जानता था ।
मध्य पाषाण काल :- 12,000 वर्ष पहले से 10,000 वर्ष पहले तक
  • मानव ने इस काल में क्वार्टजाइट  पत्थर के स्थान पर अधिकांशतया  जैस्पर, चर्ट और ब्लडस्टोन नामक पत्थर का प्रयोग आरंभ किया और अपने हथियार इन्हीं पत्थरों से बनाए।
  •  इन हथियारों का आकार 1 इंच से अधिक नहीं था ।परंतु अब इन्हें लकड़ी के हत्थे में लगाकर प्रयोग  में लाया जाना प्रारंभ किया  गया।
  • 1970 - 74 ईसवी के मध्य में गंगा नदी के मैदान में भी मध्य पाषाण कालीन संस्कृति के अवशेष विभिन्न स्थानों पर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हुए हैं।
  • इस काल में भी मानव का मुख्य पेशा शिकार करना था
  • कृषि कार्य और निवास-गृह का निर्माण अभी आरंभ नहीं हुआ था।
  •  इस काल में मानव ने अपने  मृतकों को भूमि में गाड़ना आरंभ कर दिया था।
  •  कुत्ता उसका पालतू पशु बन गया था।
  •  बाद के समय में उसने मिट्टी के बर्तन बनाना भी आरंभ कर दिया।
 उत्तर पाषाणकाल: - 10,000 वर्ष पहले
  • इस काल में मानव ने बहुत ही तीव्रता से प्रगति किया ।हथियार पत्थर के ही थे परंतु ,उन्हें और पोलिश करके चमकीला बना दिया गया था ।
  • इस काल में मानव ने कृषि और पशुपालन आरंभ कर दिया था ।
  • उसने अपने लिए निवास -गृह बनाना आरंभ कर दिया था ।
  • वह चर्म अथवा अन्य प्रकार के वस्त्र भी बनाने लगा था ।
  • वह मिट्टी के बर्तन बनाने लगा था।
  • उसने आग जलाना भी सीख लिया था, वह खाना पका कर खाने लगा था।
  • संभवतया, मानव ने इस समय कुम्हार का चाक और लकड़ी का पहिया बनाना भी सीख लिया था।
  • वह शवों को गाड़ना अथवा जलाना आरंभ कर दिया था ।
  • उसने धर्म और दैवी  तथा दानवी शक्तियों की कल्पना करना आरंभ कर दिया था।
Mcq:-

1. निम्नलिखित स्थानों से किस स्थान से मनुष्य के आखेटक खाद्य संग्राहक होने का प्रमाण नहीं मिला है ?
         (a)   भीमबेटका 
         (b)   चिरांद 
         (c)   कुरनूल गुफा
         (d)   हुंस्गी

 Ans:- b

2. पुरापाषाण कालीन औजारों के निर्माण के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :-

       (1)   पत्थर के इन अौजारों के बनाए जाने क स्थल उद्योग- स्थल कहा जाता है।
       (2)  पत्थर के इन अौजारों के निर्माण में प्रयोग की जाने वाली तकनीक को दबाव शल्क तकनीक कहा जाता है।
 उक्त कथनों में से सही कथन का चुनाव कीजिए ।
       (a)      केवल 1
       (b)      केवल 2
       (c)     1 और 2 दोनों
       (d)     इनमें से कोई नहीं ।

    Ans:- c

3.    निम्नलिखित में से राख के साक्ष्य किस पूरापाषाण  स्थल से मिले हैं ?
                (a)  भीम बेटका की गुफाएं 
                (b)   कुरनूल गुफा
                (c)   कोलडीवाह 
                (d)   हुस्गीं 
  Ans:-b

4.  मध्य पाषाण युग में जलवायु परिवर्तन से आए नए बदलावों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:-
             (1)  बदलावों से तापमान में वृद्धि हुई और घास के मैदान विकसित होने लगे।
             (2) इसी काल में मछली भोजन का महत्वपूर्ण स्रोत बनी।
             (3) गेहूं और धान जैसे अनाज प्राकृतिक रूप से उगने लगे ।
उपयुक्त कथनों में से कौन सा सत्य है ।
      (a)     केवल 1
      (b)    केवल 2
      (c)   केवल 2 और 3
      (d)   उपयुक्त सभी
And :-d

 5. कौन सा पुरास्थल प्रागैतिहासिक शैल चित्रकला के लिए जाना जाता है ?
         (a)  अमरावती
         (b)  बाघ की गुफाएं
         (c)  भीमबेटका
         (d)  अजंता
                                                                     
   Ans:-c

6.  सूची- 1 को सूची- 2 से सुमेलित कीजिए एवं नीचे दिए गए कूटों का  प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए :-

          सूची - 1                               सूची -2

    (A) पुरापाषाण का      -  (1) शुरूअात  10,000 वर्ष पूर्व          
    (B) मध्य पाषाण काल  -  (2) 20 लाख वर्ष पूर्व- 12000 वर्ष पूर्व
    (C) महापाषाण काल    - (3) 12000 वर्ष पूर्व से 10000 वर्ष  पूर्व
    (D) उत्तर पाषाणकाल  -  (4) 2500 वर्ष पूर्व से 1900 वर्ष पूर्व

कूट :-          A.    B.    C.    D
      (1)       2     3       4     1
      (2)       3     2       4     1
      (3)       2     4       3     1
      (4)       2      4      1     3

 Ans:-1


 9.  निम्नलिखित में से सबसे पहले किस जंगली जानवर को पालतू बनाया गया ?
          (a) गाय
          (b) बकरी
          (c)  बैल
          (d)कुत्ता
Ans:-d



10. सूची एक को सूची दो से सुमेलित कीजिए एवं नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए :-

             सूची- 1( पुरास्थल)               सूची- 2(अवस्थिति )

               (A) मेहरगढ़                      - (1)  उत्तर प्रदेश
               (B) कोलडिहवा                 - (2)   कश्मीर
               (C) चिरांद                         -(3)   पाकिस्तान
               (D)  गुफकाल                    - (4)  बिहार
कूट:-
       A.     B.     C.    D.

(1)   2      3       1     4
(2)   3      1       4     2
(3)   2      4       3     1
(4)   1      2       3     4

Ans:-2

2 comments:

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